शुगर के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार- Sugar hone ke karan, Lakshan, Gharelu upay

 शुगर (मधुमेहडायबिटिजके लक्षण कारण और बचाव घरेलू उपचारदवाआहार की पूरी जानकारी दी जाएगी।

नीचे दी गई वीडियो को ध्यान से देखें क्योंकि ये महत्त्वपूर्ण टिप्स है |

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शुगर / मधुमेह -
शुगर को  मधुमेह भी कहा जाता है। इस रोग में रक्त और पेशाब में शक़्कर की मात्रा बढ़ जाती है।
यह रोग एक ऐसा मीठा जहर है , अगर किसी  व्यक्ति को हो जाये तो धीरे धीरे उसके शरीर को अंदर ही अंदर खत्म कर देता है।
इस रोग का विवेचन हमारे इतिहास में भी मिला है।  आज से 3000  साल पहले हमारे ऐतिहासिक ग्रंथो में महर्षि चरक और महर्षि शुश्रुत ने भी मधमेह की समस्या का विवेचन किया है।
यह एक ऐसी बीमारी है जो इंसान को बहुत कमजोर बना देती है।  अगर समय रहते इसका इलाज कर लिया जाये तो इस रोग पर काबू पाया जा सकता है।
मधुमेह रोग आजकल हर देश में 10  में से 4  व्यक्तियों को मिल जायेगा।
पहले यह रोग 60 -70 वर्ष की आयु में होता था,परन्तु अब यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है।  आजकल छोटे बच्चे भी इस बीमारी से अछूते नही रहे है।
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शुगर क्या है?

दैनिक दिनचर्या में हम जो भी खाना खाते हैइनसे मिलने वाला कार्बोहाइड्रेट्स पचने के बाद ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है और यह रक्त  में मिल जाता हैजो कि  शरीर रूपी मशीन का इंधन होता है और इसे इन्सुलिन नामक हार्मोन्स नियंत्रित करता है डायबिटीज इन्सुलिन नामक हार्मोन्स के कमी या सम्पूर्ण अभाव के कारण उत्पन होता है  इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है  
प्रदुषणखान-पानरहन सहनआचार विचार आदि के कारण मधुमेह तेजी से बढ़ रहा है। यह रोग अनुवांशिक या वंशानुगत भी हो सकता है।


शुगर रोग के लक्षण / शुगर बढ़ने के लक्षण
  • बार-बार पेशाब आना। 
  • रोगी के पेशाब पर चींटी और मक्खी का जमा होना,क्योंकि पेशाब में शक़्कर की मात्र बढ़ जाती है।  
  • जरुरत से ज्यादा प्यास लगना।  
  • थकान व् कमजोरी महसूस होना।  
  • शरीर के भार  में लगातार कमी।
  • शरीर में सूजन आना।  
  • इस रोग के रोगी के घाव आसानी से नही भरते।  लम्बे समय तक ठीक ही नही होते।  
  • आँखों में कमजोरी व् धुंधलापन आना।  
  • शरीर के कोमल अंगी व् गुप्त अंगो के आसपास बार बार खुजली होना।  
  • मरीज को बार बार उलटी आना।  
  • ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी आना। 
  • हाथ पैर सुन्न हो जाना या झनझनाहट होना।  
  • सेक्स इच्छा में कमी आना।  
  • रोग प्रतिरोधक शक्ति में कमी आना और बार बार बीमार पड़ना।  
  • मसूड़ों में सुजनदांतों में अधिकतर दर्द रहना।  
  • उच्च रक्तचाप का रहना।
  • मोटापा।  
  • वायरल संक्रमण।  
  • परिश्रम और सहवास के तुरंत बाद पानी पीने से।    
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शुगर होने के कारण -
  • तनाव और मानसिक परेशानी की वजह से रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है,जिस वजह से मधुमेह की सम्भावना बढ़ जाती है।  
  • रात को देर तक जागना और रात को देर से भोजन करना भी इस बीमारी के खतरे को बढ़ा देता है। 
  • अधिक तेलीय ,तले हुए,शक़्कर युक्त भोज्य पदार्थो के सेवन से भी मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। 
  • आनुवांशिक कारणों से भी यह रोग पीढ़ी दर पीढ़ी होता रहता है। 
  •  जिन लोगो की दिनचर्या में अधिक देर तक बैठे रहना पड़ता है,यह रोग उन व्यक्तियों को जल्दी होता है।
  • नशीले पदार्थो और अधिक मात्रा  में धूम्रपान का सेवन भी इस रोग को आमंत्रित करता है। 
  •  असंतुलित भोजन करने से अधिक मात्रा  में मीठा खाने से भी शक़्कर  का स्तर रक्त में बढ़ जाता है। और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है।  

मधुमेह के लक्षण महसूस होते ही तुरंत खून और पेशाब की जांच करवाये।


नॉर्मल शुगर लेवल कितना होना चाहिए ?
सामान्य व्यक्ति में नॉर्मल शुगर का लेवल खाली पेट 80 से 120 mg के मध्य होना चाहिए। शुगर होने पर गुर्देआँखों और हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।


शुगर में परहेज -
  • मीठे फलकोल्डड्रिंकचावलआलूसकरकंदतले हुए खाद्यघीमक्खनड्राई फ्रूट आदि का सेवन  करें। 
  • माँसाहारी आहार,धूम्रपान और अल्कोहल आदि को छोड़ दे।  
  • रेसेदार खानाहरी सब्जीसलादअंकुरित अन्न आदि का  सेवन करें। 
  • कच्चे टमाटरकच्ची फलीफूल गोभीपत्ता गोभीपालककम वसा वाला दहीबैंगनकरेलाआंवलाजामुनप्याजलहसुनदाना मैथीसोयाबीन  का सेवन करें। 
  • चाय और दूध में चीनी की जगह शककर रहित गोली का प्रयोग करे।  
  • रोगी को कॉर्न फ्लेक्स का सेवन नही करना चाहिए। 
  • संक्रमण और संक्रमित व्यक्ति से बचकर रहे।  
  • कॉफी और हरी पत्ती चाय मधुमेह में फायदेमंद रहती है।  
  • मधुमेह  ग्रसित व्यक्ति को हर रोज पनीर का सेवन करना चाहिए।  यह बहुत फायदा पहुंचाएगा।  
  • व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाये। 
  • प्रतिदिन कम से कम 2 किलो मीटर सैर करे।   
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शुगर का घरेलू उपचार/ शुगर को जड़ से खत्म करने के उपाय/ आयुर्वेदिक औषधि /घरेलू नुस्खे -
दालचीनी -
दालचीनी का  नियमित रूप से प्रयोग रक्त में शर्करा की मात्रा  को संतुलित करता है। इसका प्रयोग  हम मसाले के  रूप में सब्जियों में डालकर आसानी से कर सकते है। और मधुमेह को  नियंत्रण में रख सकते है।


मेथी के लड्डू -
मेथी में एमिनो एसिड ,पोटाशियम  और फाइबर बहुत अधिक मात्रा  में पाया जाता है जो की शुगर को नियंत्रित करने में बहुत कारगर होता है। मेथी के दानो को पीस करएक चमच्च चूर्ण  खाना खाने से आधा घंटा  पहले नियमित रूप से लेने पर मधुमेह नियंत्रण में  जाता है।  चूँकि ये कड़वी होती है इसलिए इसको भून कर गुड मिलाकर लड्डू बनाकर भी खा सकते है।

अमरुद -
अमरुद का प्रयोग भी मधुमेह को नियंत्रित करने में  सहायक है। अमरुद में विटामिन  ,सी के साथ फाइबर भी बहुत अधिक मात्रा  में पाया जाता है।  मधुमेह रोगी को एक पका हुआ अमरुद  भून करछील कर फिर उसे मैश  करके उसमे नमकजीरा व् काली मिर्च डालकर खाना चाहिए।  जल्दी ही शुगर नियंत्रित हो जाएगी।

करेला -
मधुमेह के रोगी के लिए करेला बहुत ही गुणकारी होता है। हर रोज कुछ मात्रा में करेले के जूस का सेवन करने से  मधुमेह बिलकुल ठीक हो जाता है।

जामुन -
जामुन भी मधुमेह के रोगी के लिए अचूक औषधि है।  नित्य जामुन का सेवन मधुमेह को नियंत्रण में रखता है।   गुठली को पीस कर फाकी बनाकर ले,बहुत फायदेमंद साबित होगी।


प्याज और लहसुन--
प्याज और लहसुन का प्रयोग अधिक से अधिक करे,क्योंकि इनका प्रयोग मधुमेह से  ही नही,अपितु  अन्य बीमारियो से भी बचाता है।

बेलपत्र -
हर  10 बेलपत्र चबाने से भी मधुमेह को नियंत्रण में रखा जा सकता  है।यह बिलकुल  आसान व् अचूक उपाय है  मधुमेह को नियंत्रित करने का।

आहार निर्धारण:
मधुमेह के सभी रूपों के प्रमुख कारणों में से एक यह भोजन को निर्धारित करने का कार्यक्रम है  पोषक तत्वों की लंबी अवधि के बाद चीनी और कैलोरी की मात्रा को निश्चित किया जा सकता है। शरीर की प्राकृतिक चयापचय क्रिया और नकारात्मक इंसुलिन रिसेप्टर्स की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। गर्भावधि मधुमेह को रोकने के लिए एक बढ़िया तरीका है कि पोषक तत्वों की मात्रा निर्धारित करने के लिए आहार निर्धारण किया जाये। कच्चे टमाटरकच्ची फलीफूल गोभीपत्ता गोभीपालककम वसा वाला दहीबैंगनकरेलाआंवलाजामुनप्याजलहसुनदाना मैथीसोयाबीन  का सेवन करें। अधिक  खाकर थोड़े थोड़े अंतराल पर बार बार खाना चाहिए।  


उच्च फाइबर आहार: 
मधुमेह प्रबंधन और उपचार के लिए सबसे आम सुझावों में से एक फाइबर सेवन बढ़ाना है  फाइबर इंसुलिन रिसेप्टर्स की गतिविधि को प्रोत्साहित कर सकते हैं और यह भी इंसुलिन के स्तर को संतुलित और मधुमेह की शुरुआत को रोकने के लिए मददखून में अतिरिक्त इंसुलिन की रिहाई को बाधित कर सकते हैं। फाइबर को कुंजी पाचन और हृदय प्रभाव बचाव के लिए अपनी गर्भावस्था आहार का एक हिस्सा बनाना चाहिए। साबुत अनाज गर्भावधि मधुमेह से बचने के लिए फाइबर का अच्छा स्रोत हैं।

गर्भावधि मधुमेह- 
यह बच्चे की वृद्धि और विकास का समर्थन करने वाले नाल को प्रभावित करने वाले हार्मोन के उत्पादन और मां के अग्न्याशय से इंसुलिन की कार्रवाई में बाधा डालता है।यह समस्या बच्चे को प्रभावित कर सकती है। मां में उच्च शर्करा युक्त रक्त,अग्न्याशय इंसुलिन के उत्पादन में बाधा डालता है।जिस कारण अधिक शर्करा युक्त रक्त ग्लूकोज नाल के माध्यम से बच्चे तक पहुँचता है। गर्भावधि मधुमेह के लक्षण आम तौर पर कम से कम या हल्के होते हैं , लेकिन अभी भी मां और बच्चे दोनों के लिए जटिलताएं पैदा कर सकता हैइसलिए नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उपचार के बिना गर्भावधि मधुमेह से पीड़ित मां से पैदा हुए बच्चे में बचपन में मोटापा के और अधिक होने की संभावना है और मधुमेहपीलिया या अन्य स्वास्थ्य संबंधि समस्या की संभावना बढ़ जाती है।

गर्भावधि मधुमेह आमतौर पर 2 तिमाही में गर्भावस्था के दौरान शुरू होता हैजो मधुमेह का एक प्रकार है।गर्भवती महिलाओं में हर साल एक अनुमान के अनुसार 3-4% महिलायें गर्भावधि मधुमेह से प्रभावित हैं।


गर्भावधि मधुमेह के कारण गर्भवती मां में इंसुलिन प्रतिरोध में वृद्धि होती है।
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