साँस की बीमारी का इलाज - पूरी जानकारी !! Saans ki Problem ka ilaj in Hindi
जाने - सांस की बीमारी का घरेलू प्रभावी उपचार, साँस फूलने के कारण, सांस लेने में दिक्कत का आयुर्वेदिक उपचार !
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सांस फूलना या सांस ठीक से न ले पाना के कारण ----
अक्सर जब हम सीढ़िया चढ़ते है या रफ़्तार से चलते है या कोई सामान उठा कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर रखते है तो हमारी साँसे फूलने लगती है तो हम यह सोचने पर मजबूर हो जाते है कि हमे कोई बीमारी भी नही है फिर क्यों जरा सा काम करने पर ही इतनी सांस फूलती है।
कई लोगों को गलतफहमी होती है कि मोटा होने की वजह से ही सांस फूलती है पर ऐसा कुछ नही है,पतले लोगो की भी ऐसे ही सांस फूलती है और इसका कारण हमारे शरीर में नही अपितु पर्यावरण में बढ़ रहे प्रदूषण,अस्वच्छ हवा में सांस लेना और गलत कार्यशैली हो सकती है।
अक्सर जब मस्तिष्क फेफड़ों को सांस की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश देते हैं तभी सांस फूलती है और यह निर्देश मस्तिष्क एलर्जी, संक्रमण, सूजन, चोट या मेटाबोलिक स्थितियों की वजह से देता है। इसके अलावा फेफड़ों से संबंधित कार्य प्रणाली को प्रभावित करने वाले घटको के कारण भी सांस फूलने लगती है। इसके अतिरिक्त सिगरेट पीने, फेफड़ों और ब्रोंकाइल ट्यूब्स में सूजन और श्वसन क्षेत्र (रेस्पिरेट्री ट्रैक) में चोट आने की वजह से भी सांस फूलने की समस्या उत्पन्न होने लगती है। खून में ऑक्सीजन का स्तर कम होने और दिल की बीमारियों के कारण भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
आज हिंदी ज्ञान वेब आपको सांस फूलने की समस्या से निजात पाने के लिए सरल,घरेलू और प्रभावी ऊपचार बताएगा।
अंजीर----
जिन लोगो की सांस फूलती है, उनके लिए अंजीर अमृत के समान है क्योंकि अंजीर छाती में जमी बलगम और सारी गंदगी को बाहर निकाल देती है। जिससे सांस नली साफ़ हो जाती है और सुचारू रूप से कार्य करती है। इसके लिए आप तीन अंजीर गरम पानी से धोकर रात को एक बर्तन में भिगोकर रख दीजिये और सुबह खाली पेट नाश्ते से पहले उन अंजीरों को खूब चबाकर खा लीजिये। उसके बाद वह पानी भी पी लें | इस नुस्खे का प्रयोग लगातार एक महीने तक कीजिये। इसके प्रयोग से फर्क आपको खुद ही महसूस होने लगेगा।
तुलसी और सौंठ का काढ़ा----
तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है और श्वसन तंत्र पर बाहरी प्रदूषण और एलर्जी के हमले से रक्षा करने में समर्थ है। इसलिए जिनको भी सांस फूलने की या दमा की शिकायत हो उन लोगो को तुलसी से बने इस काढ़े का इस्तेमाल अवश्य ही करना चाहिए। इसके लिए आधा कप पानी में 5 तुलसी की पत्ती,एक चुटकी सौंठ पाउडर,काला नमक और काली मिर्च डालकर उबाल ले। ठंडा करके जब यह काढ़ा गुनगुना सा रह जाए तब इसका सेवन करे। नित्य प्रति इस काढ़े के सेवन से आपके सांस फूलने की समस्या जड़ से समाप्त हो जाएगी।
अजवायन-----
सांस फूलने की समस्या अक्सर श्वास नली में सूजन या श्वास नली में कचरा आ जाने की वजह से ही उत्पन्न होती है। श्वास नली को साफ़ करने का सबसे प्रभावी तरीका होता है-- स्टीम या भाप लेना। भाप लेने से यदि श्वास नली में सूजन है तो उसमे आराम हो जाता है और कचरा भी निकल जाता है तो इसके लिए आपको अजवायन पीसकर पानी में उबलनी है। फिर इस अजवायन वाले पानी की भाप लेनी है। क्योंकि अजवायन की भाप सूजन को खत्म और दमे और सांस फूलने की समस्या में राहत दिलाती है।
तिल का तेल----
यदि ठंड की वजह से छाती जाम हो जाए या रात के समय दमे का प्रकोप बढ़ जाए और सांस ज्यादा फूलने लगे तो तिल के तेल को हल्का गर्म करके छाती और कमर पर गरम तेल की सेक करे। इस प्रकार आपकी छाती खुल जायेगी और आपको सांस फूलने की समस्या में राहत मिलेगी।
अंगूर----
सांस फूलने या दमा की समस्या में अंगूर बहुत लाभदायक होता हैं | इस समस्या में आप अंगूर भी खा सकते है या अंगूर का रस का भी सेवन कर सकते हैं | कुछ चिकित्सकों का तो यह दावा है कि दमे के रोगी को अगर अंगूरों के बाग में रखा जाए तो दमा,सांस फूलने या कोई भी श्वसन सम्बन्धी समस्या में शीघ्र लाभ पहुंचता है |
चौलाई के पत्तों का रस----
सांस फूलने की या श्वसन सम्बन्धी कोई भी समस्या हो यदि चौलाई के पत्तों का ताजा रस निकालकर और उसमे थोड़ा शहद मिलाकर प्रतिदिन सेवन किया जाए तो अतिशीघ्र लाभ पहुंचता है | चौलाई के पत्तो का प्रयोग आप किसी भी रूप में कर सकते है। चाहे तो चोलाई के पत्तो का साग भी खा सकते है। चोलाई के पत्ते इस समस्या में रामबाण औषधि है।
लहसुन----
लहसुन भी सांस फूलने की समस्या में अत्यंत लाभकारी औषधि का कार्य करता है। इसके लिए लहसुन की 3 कलियों को दूध में उबालना है और फिर उस दूध को छानकर सोने से पूर्व पीना है। याद रहे इसके बाद कुछ भी न खाये या पिए। कुछ ही दिनों के निरन्तर प्रयोग से आपको इसके चमत्कारी परिणाम देखने को मिलेंगे।
सौंफ --
सांस फूलने की या श्वसन सम्बन्धी कोई भी समस्या हो यदि सौंफ का प्रयोग दैनिक दिनचर्या में हर रोज किया जाए तो आपको कभी सांस फूलने की समस्या आएगी ही नही। क्योंकि सौंफ में बलगम को साफ करने के गुण विद्यमान होते हैं | यदि दमे के रोगी और सांस फूलने वाले रोगी नियमित रूप से इसका काढ़ा इस्तेमाल करते रहें तो निश्चित रूप इस समस्या से निजात मिल जाएगी |
लौंग और शहद---
लौंग और शहद का काढ़ा पीने से श्वास नली की रुकावट दूर हो जाती है और श्वसन तंत्र मजबूत बनता है। इसके लिए चार-छः लौंग को एक कप पानी में उबाल ले और फिर उसमे शहद मिलाकर दिन में तीन बार थोड़ा-थोड़ा पीने से सांस फूलने की समस्या एकदम ठीक हो जाती है |
हींग----
सांस फूलने की या श्वसन सम्बन्धी कोई भी समस्या हो यदि हींग का प्रयोग दैनिक दिनचर्या में हर रोज किया जाए तो आपको कभी सांस फूलने की समस्या आएगी ही नही।बाजरे के दाने जितनी हींग को दो चम्मच शहद में मिला ले। इसको दिन में तीन बार थोड़ा-थोड़ा पीने से सांस फूलने की समस्या एकदम ठीक हो जाती है |
एसिड बनाने वाले पदार्थ न ले----
दमा या सांस फूलने की समस्या होने पर भोजन में कार्बोहाइड्रेट, चिकनाई एवं प्रोटीन जैसे एसिड बनाने वाले पदार्थ कम मात्रा में ही लें क्योंकि इनसे शरीर में एसिड बनता है जिससे श्वसन में बाधा उत्पन्न होती है इसलिए ताज़े फल, हरी सब्जियां तथा अंकुरित चने जैसे क्षारीय खाद्य पदार्थों का सेवन भरपूर मात्रा में करें।
नीबू का रस ----
सांस फूलने या दमा की समस्या में नीबू का रस गरम जल में मिलाकर पीते रहने से यह समस्या धीरे धीरे जड़ से खत्म हो जाती है | सांस फूलने की समस्या में केला अधिक मात्रा में नही खाना चाहिए | पानी हल्का गरम पीना चाहिए |पानी उबालकर और थोड़ा हल्का गरम पीना ही लाभकारी होता है |
उपरोक्त सभी घरेलू नुस्खों को आजमाने से आपके सांस फूलने की,दमा या श्वसन संस्थान सम्बन्धी सभी तरह की समस्या जड़ से ठीक हो सकती है। किन्तु इसके लिए आवश्यक है कि पूरी निष्ठा और दृढ़ निश्चय से नुस्खों का पालन किया जाए और परहेज किये जाए। आपको हमारा लेख कैसा लगा ?हमे बताने के लिए अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर प्रस्तुत कीजिये। इसके अलावा यदि आप इस समस्या से सम्बन्धित कोई सवाल पूछना चाहते है तो कमेंट बॉक्स में अपना प्रश्न पूछ सकते है। उम्मीद करते है कि हमारे आज के लेख से आपको उपयोगी जानकारी और प्रभावी इलाज मिलेगा जिससे आप स्वस्थ और सुखी जीवन व्यतीत करेंगे।