दमा (अस्थमा) की पूरी जानकारी- लक्षण, उपचार, घरेलु उपाय! Dama ka Gharelu Upay
Dama ka Gharelu Upay- इस लेख में हम दमा (अस्थमा) होने का कारण/ लक्षण, इस रोग को रोकने या छुटकारा पाने का समाधान/ उपचार, घरेलु उपाय, दवा तथा घरेलू नुस्खे बताएंगे।
दमा (अस्थमा) के लक्षण:
- खाँसी।अस्थमा से होने वाली खाँसी अक्सर रात को या बहुत सवेरे होती है। यह साँस लेना कठिन बना देता है।
- सीने में जकड़न।
आप इस तरह से महसूस कर सकते हैं कि आपकी छाती के अंदर कुछ जमा हुआ हैं।
- सांस लेने में समस्या।
आप इस तरह से महसूस कर सकते हैं कि फेफड़ों से सांस नहीं आ रही। दमा की वजह से सांस लेने में बहुत कठिनाई होती है।
- सांस छोड़ते हुए सीटी की तरह घरघराहट महसूस होती है।
- थका हुआ और कमजोर अनुभव होना।
हर व्यक्ति को दमा के सब लक्षण होना आवश्यक नहीं है। अस्थमा के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते है। कुछ लोगों को यह अनुभव समय-समय पर होता है। यहा तक कि दमा के कुछ लक्षण होने के बाद भी कुछ व्यक्ति सामान्य महसूस करते हैं।
अस्थमा किसी भी उम्र में हो हो सकता है। बड़ी उम्र के व्यक्ति को यह तीव्र प्रभावित करता है। दुर्भाग्य से, लगभग 6% व्यक्ति इतनी बुरी अवस्था में हैं कि कोई भी दवा काम नहीं कर रही।
लेकिन कुछ एहतियात रखने के द्वारा इस से बचा जा सकता है।
दमा (अस्थमा) के मुख्य कारण:
- प्रदूषित हवा में सांस लेने से।
हालांकि, पर्यावरणीय कारण अस्थमा के विकास में मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसमें वायु प्रदुषण जैसे कि धूल-मिट्टी और धुआं शामिल हैं। ठंडी हवा इसे और भी बुरा बना देती है।
- शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ एलर्जी प्रतिक्रिया।
इन प्रतिक्रियाओं की वजह से बलगम और श्वसन नलिका शोथ का जन्म होता है। ये लक्षण अस्थमा के आक्रमण का कारण बन जाता है।
- तंबाकू के संपर्क में रहना।
- कार्यस्थल पर एयरवे से होने वाले प्रभाव।
- इत्र या सफाई उत्पादों से सांस लेने में होने वाली समस्या।
- सर्दी, फ्लू तथा श्वसन संक्रमण के प्रभाव से।
- ठंड तथा शुष्क मौसम के संपर्क से।
- पेट में अम्ल की धारा की प्रतिवाह से, जो कि गैस के रोग के नाम से भी जाना जाता है।
- कुछ खाद्य पदार्थों तथा शराब के की लत होने से।
- अत्यधिक मोटा होने होने से, क्योंकि यह सांस लेने में फेफड़ों पर दबाव अनुभव करता है।
- कुछ महिलाओं में ऋतुस्रव के प्रभाव से।
- भावनात्मक उत्तेजना या तनाव होने से।
दमा (अस्थमा) के लिए सावधानियाँ, रोकथाम और उपचार:
अस्थमा एक पुरानी तथा लंबी अवधि का रोग है। इस बीमारी से ठीक होना इतना भी आसान नहीं है। इस रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है। उसके इलाज के लिए बहुत अच्छे ढंग से सावधानी का प्रयोग करना होता है। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं : -- मुँह से साँस न ले।
- मानसिक रूप से बहुत ज्यादा उत्साहित न हो।
- वायुमंडलीय प्रदूषण से सुरक्षा रखना।
- एलर्जी क्षेत्र में मास्क का उपयोग करना।
- पास-पड़ोस के वातावरण को साफ सुथरा रखा जाना चाहिए।
- बहुत ज्यादा पीने में लिप्त नहीं होना चाहिए।
- अस्थमा के मरीज के दैनिक आहार को सरल और पौष्टिक रखा जाना चाहिए।
- अस्थमा के रोगियों को धूम्रपान करने से बचना चाहिए।
- रोज़ सुबह नियमित व्यायाम करने की जरूरत है।
- अपनी सामान्य गतिविधियों को बनाए रखना और रात में अच्छी नींद लेना।
- ठीक से भाप ले।
- श्वसन यंत्र का उपयोग कर सकते हैं। श्वसन यंत्र को आवश्यक अपने साथ रखो।
- पीक फ्लो मीटर उपकरण का प्रयोग करना।
आप इस उपकरण का प्रयोग स्वयं भी कर सकते हैं। इस उपकरण से आप माप सकते हैं कि श्वास कितनी अच्छी तरह से फेफड़ों तक पहुंच रही है। एक चिकित्सक आपको बता सकता है कि कितनी बार परिणाम की व्याख्या करना है तथा कितनी मात्रा में दवा दवा लें।
इस यंत्र से यह भी जाना जा सकता है कि आपकी वर्तमान दवा कितनी प्रभावी है।
इन सभी गतिविधियों का पालन करते हुए अस्थमा/दमा को नियंत्रित किया जा सकता है और रोग मुक्त जीवन का अनुभव किया जा सकता है।