रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) का इलाज- पूरी जानकारी ! BP ka ilaaj

निम्न/उच्च रक्तचाप का इलाज, ब्लड प्रेशर नियंत्रित के लिए योग/ घरेलू उपचार/ दवा/ आहार/ कारण/ लक्षण, ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए (लो, हाई)" सम्बंधित प्रश्नों का जवाब दिया जायेगा ।

नीचे दी गई वीडियो को ध्यान से देखें क्योंकि ये महत्त्वपूर्ण टिप्स है |

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रक्तचाप -
जब आपका दिल धड़कता है तो यह खून को शरीर के चारों तरफ पहुंचाता है और इसे ऑक्सीजन प्रदान करता है। 
जैसे ही खून शरीर के चारों तरफ पहुंचता हैयह शरीर की धमनियों पर एक बल लगाता है।  
अगर यह बल ज्यादा होता है तो इससे हार्ट अटैक भी हो सकता है।   

इसलिएरक्तचाप  (ब्लड प्रेशर)  धमनी की दीवारों पर लागू होने वाले बल का माप होता है। 

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आजकल बदलती जीवनशैली और अनियमित दिनचर्या की वजह से हर इंसान पर किसी न किसी तरह का तनाव पाया जाता है और इस तनाव की वजह से धमनियों में बहने वाला रक्त अधिक या कम बल से बहने लगता है और रक्तचाप की समस्या का रूप ले लेता है।
ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए (लो, हाई)?
- आदर्श ब्लड प्रेशर 120/60 याने ऊंचे में 120 और नीचे में 60 होना चाहिए। युवा वर्ग में अक्सर डायस्टोलिक प्रेशर बढा हुआ पाया जाता है जबकि अधिक उम्र के लोगों में सिस्टोलिक प्रेशर ज्यादा देखने में आता है। 
रक्तचाप की समस्या आजकल तेजी से सामने  रही है। भारत की लगभग 30 प्रतिशत शहरी आबादी इस रोग की चपेट में बताई गई है। 
जबकि 10 से 12 प्रतिशत ग्रामीण इस रोग से पीडित हैं। चिकित्सा विज्ञानं में निम्न रक्त चाप की तुलना में उच्च रक्त चाप ज्यादा नुकसानदेह बताया गया है।रक्तचाप की वजह से लकवा,हार्ट अटैक,किडनी के रोगहृदय सम्बन्धी विकार और नाड़ी मंडल की तकलीफे आदि रोग होने लगते है। रक्त चाप के अधिकतम दवाब को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं। जबकि कम से कम दाब को डायस्टोलिक प्रेशर कहते हैं।

रक्तचाप के प्रकार -
  • उच्च रक्तचाप 
  • निम्न रक्तचाप 

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उच्च रक्तचाप -

उच्च रक्तचाप वह अवस्था है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है,जिस कारण हृदय को सामान्य से अधिक काम करना पड़ता है।   
इस अवस्था को हाइपरटेंशन भी कहते है।   
हाइपरटेंशन एक ऐसा खतरा है जिसमें धीरे-धीरे आपका हार्टकिडनी  शरीर के अन्य अंग काम करना बंद कर सकते हैं। 


उच्च रक्तचाप के लक्षण -
  • चक्कर आना 
  • जी घबराना 
  •  उल्टी या मितलाई 
  • चलते समय आँखों के सामने अँधेरा छाना 
  • दौरा पड़कर मुँह टेढ़ा हो जाना 
  • हृदय दर्द होना 
  • सांस लेने में परेशानी आना 
  • तेज सिर दर्द 

उच्च रक्तचाप के मुख्य कारण -
  • तनाव 
  • मधुमेह 
  •  अधिक नमक का सेवन 
  • मोटापा 
  • हार्मोनल परिवर्तन 
  • आनुवंशिक कारण 
  • अधिक मिर्च मसाले युक्त भोजन का सेवन 
  • मौसम का बदलता मिजाज
  • धूम्रपान और शराब के सेवन से  

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उच्च रक्तचाप से होने वाली समस्याएँ -
  • उच्च रक्तचाप की वजह से लकवा या अधरंग की शिकायत हो सकती है।  
  • दिल का दौरा पड़ सकता है।  
  • रक्त का बहाव अवरुद्ध होने से आँखों के रोग या अंधता रोग भी हो सकता है।  
  •  रक्तचाप ज्यादा उच्च होने पर दिमाग की नस भी फट सकती है। 
  •  उच्च रक्चाप होने पर हृदय को जल्दी जल्दी काम करना पड़ता है ,जिससे हृदय पर असर होता है।  
  • उच्च रक्तचाप  अवस्था में कई बार हृदय अच्छे से खून साफ़ नही कर पाता  ,जिसकी वजह से गुर्दो में अपशिष्ट  पदार्थ रह जाते है,और गुर्दो के रोग हो जाते है। 
·         इसके अलावा हाई बीपी के कारण आंखों पर भी असर पड़ता है। हाइपरटेंशन प्राथमिक उच्च रक्तचाप तथा द्वितीयक उच्च रक्तचाप के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। 90-95% मामले "प्राथमिक उच्च रक्तचापके रूप में वर्गीकृत किये जाते हैं जिसका अर्थ है स्पष्ट अंतर्निहित चिकित्सीय कारण के बिना उच्च रक्तचाप।
अन्य परिस्थितियां जो गुर्देधमनियोंदिलया अंतःस्रावी प्रणाली को प्रभावित करती हैंशेष 5-10% मामलों (द्वितीयक उच्च रक्तचापका कारण होतीं हैं।

उच्च रक्तचाप से बचाव के लिए उपचार / घरेलू नुस्खे
शहद और आंवला - 
बडा चम्मच आंवले का रस और इतना ही शहद मिला कर सुबह खाली पेट लेने से रक्तचाप की समस्या से काफी हद तक निजात मिल जाती है। 


काली मिर्च-
आधा गिलास गरम पानी में 1 चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलकर पीने से बढ़ा हुआ रक्तचाप कुछ ही समय में सामान्य हो जाता है।  

नींबू का रस-
रक्तचाप नियंत्रण करने के लिए थोड़ी थोड़ी देर में निम्बू पानी पीते रहे,आराम मिलेगा। 

हरी घास पर सैर -
हर रोज नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट चले । इससे रक्तचाप नियंत्रण में रहेगा।

एक गिलास ठंडा पानी -
नहाकर प्रतिदिन एक गिलास ठंडा पानी पीने से रक्त चाप सही रहता है।

पालक और गाजर -


पालक और गाजर का रस बनाकर सुबह खाली पेट लेने से आपको काफी फायदा होगा।


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निम्न रक्त चाप 
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में सब व्यस्त हो गए है।  हमारी जीवन शैली आधुनिक संसाधनो की बहुत अधिक आदि हो गयी है जिसके फलस्वरूप पैदल चलना ,व्यायाम करना सही भोजन करना आदि को भूलकर बस पैसे की होड़ में शामिल हो गए है।  जीवन का बस एक ही लक्ष्य रह गया है-पैसे कमाना।  

इस मकसद के पीछे मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है जिसने की निम्न रक्तचाप की समस्या को जन्म दिया है। धमनियों में रक्त का कम दबाव से बहना निम्न रक्त चाप कहलाता है।



लक्षण -
  • थकान महसूस होना
  • याददाश्त कमजोर होना
  • किसी भी काम में मन  लगना
  • रोगी की धड़कन की गति कम हो जाती है
  • चक्कर आना
  • चिड़चिड़ापन ,घबराहट ,आलस आदि होना
  • नाड़ी की गति कम होना
  • कभी कभी बेहोश भी हो सकते है
  • ज्यादा पसीना आना
  • भूख  लगना
  • दिल घबराना
  • हाथ पैरो का ठंडा पड़ जाना
  • थोड़ा सा भी काम करने पर दिल का जोरो से धड़कना

कारण -
  • रक्तचाप कम होने का सबसे प्रमुख कारण है-विटामिन बी और सी की कमी होना।
  • बासी और असंतुलित भोजन करने से। 
  • गर्भावस्था में खून की कमी होने पर।  
  • लम्बे समय तक निराशा का भाव बने रहने पर।
  • अनीमिया ,टी बी रोग जिनको होते हैउनका रक्तचाप भी निम्न रह सकता है।
  • अधिक मासिक स्त्राव के दौरान भी रक्तचाप निम्न हो सकता है।
  • कब्ज की परेशानी भी निम्न रक्तचाप व् अन्य बीमारियो को आमंत्रित करती है।
  • लम्बे समय तक बीमार रहने पर भी आई कमजोरी रक्तचाप का कारण बन सकती है।
  • शरीर में नमक  पानी की कमी होने पर भी रक्तचाप निम्न हो सकता है। 

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निम्न रक्तचाप होने पर प्राथमिक चिकित्सा -
अगर आपको ये महसूस हो कि आपको निम्न रक्तचाप हो गया है तो सबसे पहले आराम से एक स्थान पर बैठ जाइएअपने हाथो की मुठियों को बार बार खोले और बंद करे। 
थोड़ा थोड़ा पानी पीते रहे। - चीनी , नमक और नींबू का शरबत पियें। - तकिये को अपने पैरो के नीचे रखकर आराम से लेट जाये।


बचाव-
  • अधिक परिश्रम वाला काम  करे।
  • अधिक मात्रा में पानी पिए।
  • अधिक समय तक धूप या गर्मी वाले स्थान पर  रहे।
  • तला हुआ व् मिर्च मसालेदार भोजन से परहेज करे।
  • रात के समय चाय या कॉफी का सेवन  करे।
  • एक ही बार में ज्यादा  खाए,अपितु थोड़ा थोड़ा खानाथोड़े थोड़े अंतराल में खाते रहे। 
  • निम्न रक्तचाप होने पर नमक व् घी का अधिक मात्रा में सेवन करे।
  • पानी ,सूप आदि का अधिक मात्रा में सेवन करे।

घरेलू नुस्खे -

पत्तेदार सब्जी -
हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए क्योंकि इसमें लोहा अधिक मात्रा में पाया जाता ही जो कि रक्तचाप को सामान्य रखने में मदद करता है।



शहद और लहसुन -
एक चम्मच शहद में, 1 /4 लहसुन का रस मिला ले,और हर रोज दो बार इसका सेवन करे। रक्तचाप सामान्य हो जायेगा।  

चॉकलेट -
चॉकलेट का प्रयोग करने से  केवल हृदय स्वस्थ रहता हैअपितु बढ़ा हुआ रक्त चाप भी सामान्य हो जाता है।

खट्टे फल व् अनाजों का प्रयोग -
खट्टे फलो व् अनाजों का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए क्योंकि इसमें विटामिन बी ,सी और महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ होते है,जिससे रक्त चाप सामान्य रहता है।

तुलसी का काढ़ा -
एक गिलास पानी में 10 तुलसी के पत्ते ,4 काली मिर्च व् 2 लौंग डालकर पानी को तब तक उबाले ,जब तक वो आधा  रह जाए। इस काढ़े प्रतिदिन पीने से रक्तचाप सामान्य हो जाता है।

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