आई ए एस कैसे बने - IAS Kaise Bane ? (In Hindi)
जाने - IAS की तैयारी कैसे करे, आईएएस अफसर बनने के लिए योग्यता - आईएएस का सिलेबस क्या है, आईएएस टॉपर / साक्षात्कार !
IAS कैसे बने :सफलता के मंत्र - हिंदी माध्यम से बने आईएएस
स्नातक के छात्र आईएएस की तैयारी कैसे करें ?
(IAS) सिविल सेवा परीक्षा होनहार विद्यार्थियों के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित परीक्षा है। सिविल सेवा परीक्षा देश में सबसे कठिन व प्रतिष्ठित परीक्षाओ में से एक है और लाख कठिन होने के बावजूद भी देश के कोने-कोने से लाखों युवा छात्र इस परीक्षा में सफल होने के लिए तैयारी करते हैं और एक आई०ए०एस० अफसर बनने का सपना देखते हैं। कई छात्र आईएएस परीक्षा के घबराते है किन्तु सोचने वाली बात है कि आईएएस अफसर आसमान से नही टपकते,वो हमारे जैसे ही आम इंसान है,जरूरत है तो बस अपने अंदर की लगन,मेहनत और दृढ़ निश्चय को जगाने की। आज के इस लेख में हिंदी ज्ञान वेब आपको आईएएस परीक्षा की विषयवस्तु से लेकर उतीर्ण करने तक की तकनीक से अवगत करवाएगा।
आईएएस की तैयारी कैसे करे -
आईएएस की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए एक अच्छी रणनीति के साथ अच्छी तैयारी की भी आवश्यकता पड़ती है | आईएएस जैसी कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त हेतु वेब आपको महत्वपूर्ण बाते बताएगा जिससे आपको अवश्य ही सफलता प्राप्त होगी।
आईएएस की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए एक अच्छी रणनीति के साथ अच्छी तैयारी की भी आवश्यकता पड़ती है | आईएएस जैसी कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त हेतु वेब आपको महत्वपूर्ण बाते बताएगा जिससे आपको अवश्य ही सफलता प्राप्त होगी।
समय सारणी ---
आईएएस की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए अध्ययन के लिए समय सारणी तैयार करके दृढ़ निश्चय से उसका पालन करना अति आवश्यक है। सफलता के लिए २-३ साल तक फोकस बनाकर विश्वस्तु पर पकड़ बनाये और गहन अध्ययन करे।
विषय वस्तु और पाठ्यक्रम--
आईएएस परीक्षा में सामान्य ज्ञान और वर्तमान घटनाओ से सम्बन्धित प्रश्न भी पूछे जाते है तो आप स्नातक प्रथम वर्ष से ही हर रोज अख़बार पढ़ना और टीवी पर समाचार देखने की आदत डाल सकते है,जोकि बहुत फायदेमंद साबित होगा। धीरे-धीरे ग्रहण की गयी जानकारी मस्तिष्क में स्थायी तौर पर स्मरण भी रहती है।
दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास----
आईएएस की परीक्षा की तैयारी करते समय अपना इरादा बुलंद रखे और कभी भी अपने अंदर आत्मविश्वास की कमी न होने दे क्योंकि आईएएस जैसी कठिन परीक्षा बिना आत्मविश्वास के पास करना संभव ही नहीं है| दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास बनाये रखने के लिए मोटिवेशनल बुक्स की सहायता बीच-बीच में ले लेनी चाहिए |
इस आर्टिकल के माध्यम से आप अपना आईएएस बनने का सपना जरूर पूरा कर सकते हैं |
आईएएस बनने के लिए योग्यता----
उम्मीदवार को भारतीय नागरिकता प्राप्त हो।
राज्य या केंद्रीय विश्व विद्यालय द्वारा स्नातक अथवा समकक्ष की डिग्री प्राप्त हो।
वे छात्र जो स्नातक डिग्री के अंतिम वर्ष में हैं या स्नातक अथवा समकक्ष परीक्षा के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं वो आईएएस की प्रारंभिक परीक्षा दे सकते है लेकिन आईएएस मुख्य परीक्षा में बैठने से पहले आवेदन पत्र के साथ न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की डिग्री संलग्न करना जरूरी है ।
नौकरी पेशा और तकनीकी योग्यता वाले उम्मीदवार भी आईएएस की परीक्षा दे सकते हैं ।
वो उम्मीदवार भी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकते हैं जिनकी M.B.B.S का फाइनल ईयर चल रहा हो या जिनकी इंटर्नशिप अभी पूरी नहीं हुई है परन्तु व्यक्तिगत परीक्षण अर्थार्त इंटरव्यू के समय उन्हें अपनी पूरी डिग्री साक्षात्कार बोर्ड के सामने दिखानी पड़ेगी ।
आईएएस परीक्षा पैटर्न----आईएएस की परीक्षा तीन चरणों में विभाजित होती है--
- प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और अंत में साक्षात्कार।
- प्रारंभिक परीक्षा क्वालिफाइंग प्रकार की होती है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा देनी होती है, और जो अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा को पास कर लेते है उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।
- मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के अंकों को अंतिम रूप से मिलाकर चयन प्रक्रिया पूर्ण की जाती है।
पहला चरण---
प्रीलिमिनरी परीक्षा (प्रिलिम्स या छंटनी परीक्षा)----
इस परीक्षा को CSAT EXAM भी कहते है। प्रीलिम्स एक छंटनी परीक्षा होती है, इसके अंक पूरी परीक्षा के ओवर आल अंकों में नहीं जोड़े जाते है। इसमें बहुविकल्पीय ऑब्जेक्टिव प्रश्न अथार्थ वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते है। इस परीक्षा में 200 -200 अंक के 2 पेपर होते है। प्रत्येक पेपर 2 घण्टे का होता है। और दोनों पेपर देने अनिवार्य होते है।प्रीलिम्स परीक्षा के कुल अंकों में केवल पेपर 1 के अंक ही जोड़े जाते है।
यदि आप पहले पेपर में उस साल के कट-ऑफ मार्क्स को पार कर जाते हैं तो सिविल सर्विसेज की मुख्य परीक्षा देने के लिए आप योग्य माने जायेंगे। किन्तु पेपर 2 में कम से कम 200 का 33% (66 अंक) लाना अनिवार्य है अन्यथा आपको मुख्य परीक्षा में प्रवेश नही मिलेगा।नेगेटिव मार्किंग ----
आईएएस परीक्षा के प्रथम चरण में 1/3 or 0.33%) नकारात्मक मार्किंग भी होती है।
पहला पेपर----सामान्य ज्ञान
प्रीलिम्स पेपर 1 का पाठ्यक्रम – (200 अंक) अवधि: दो घंटे (marks Counted for the merit rank in the Prelims)
पेपर 1 का पाठ्यक्रम---
- आर्थिक और सामाजिक विकास – इसके अंतर्गत भारतीय सतत विकास, गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम , समावेशन, जनसांख्यिकी आंकड़े और सामाजिक क्षेत्र की पहल सम्बन्धित विषय पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते है।
- सामान्य विज्ञान से सम्बन्धित सभी प्रकार के मुद्दों पर सवाल।
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ---इसके अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के वर्तमान घटनाओं से सम्बन्धित विषय पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते है।
- भारतीय इतिहास----इसके अंतर्गत भारत और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के इतिहास से सम्बन्धित विषय पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते है।
- पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य/ज्वलंत मुद्दे सम्बन्धित प्रश्न।
- विश्व भूगोल और भारतीय भूगोल –इसमें भारत के प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल और दुनिया का प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल से सम्बन्धित विषय पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते है।
- भारतीय राजनीति और शासन – संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकारों के मुद्दों, आदि से सम्बन्धित विषय पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते है।
दूसरा पेपर----योग्यता कौशल--- प्रीलिम्स पेपर 2 पाठ्यक्रम – (200 अंक,यह एक क्वालीफाइंग पेपर होगा जिसमें 33% अंक की जरूरत है)
- बोधगम्यता----इसमें कॉम्प्रिहेंसन से समझबूझ का परीक्षण किया जाता है।इस से सम्बन्धित प्रश्नों का परीक्षण हिंदी अनुवाद उपलब्ध कराए बिना किया जाएगा अर्थार्थ प्रश्नपत्र में केवल अंग्रेजी भाषा माध्यम ही उपलब्ध होगा।
- पारस्परिक कौशल—इसमें संचारकौशल सहित पारस्परिक कौशल सम्बन्धित विषय पर प्रश्न पूछे जाते है।
- तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता--इससे सम्बन्धित प्रश्नों में तर्क का विश्लेषण करने की क्षमता का परीक्षण होता है।
- निर्णय लेने और समस्या को सुलझाने की क्षमता---इस तरह के सवालो के उत्तर से आपके निर्णय लेने की और किसी समस्या को सुलझाने की कार्यशैली का परीक्षण होता है।
- डेटाइंटरप्रिटेशन---इस तरह के सवालो में दसवी कक्षा तक के डेटा व्याख्या (चार्ट, रेखांकन, टेबल, डेटा प्रचुरता आदि आते है।
- सामान्य मानसिक योग्यता---सामान्य मानसिक योग्यता से सम्बन्धित सवालो के उत्तर से आपकी मानसिक योग्यता का परीक्षण होता है कि किसी भी समस्या के समाधान में आपका दिमाग परिपक्व है या नही।
- मूल या बेसिक संख्यात्मक कार्य-- इसमें दसवी कक्षा तक के संख्या और उनके संबंधों, परिमाण के आदेश आदि से सम्बन्धित प्रश्न आते है।
द्वितीय चरण--
मुख्य परीक्षा---
आईएएस परीक्षा का प्रथम चरण पास करने के बाद मुख्य परीक्षा ली
जाती है जिसको द्वितीय चरण भी कहते है। इसमें सब्जेक्टिव प्रश्न आते है। इस चरण में कुल मिलाकर 9 पेपर होते है और 9 मे से 7 पेपर के अंक आखिर में मेरिट रैंकिंग के लिए जोड़े जाते है और बाकी के दो पेपर सिर्फ क्वालीफाइंग एग्जाम ही होते है। परीक्षा के इस चरण में छात्र की मानसिक योग्यता,व्यापक बौधिक
क्षमता, सूझबूझ,यादाश्त और उनकी समझ और शैक्षणिक प्रतिभा का परीक्षण पूरी गहराई से किया जाता है | आईएएस की परीक्षा में परीक्षार्थी का रैंक केवल मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के टोटल मार्क्स पर निर्भर करता है।
मुख्य परीक्षा के 9 पेपर्स को हम २ भागों में विभाजित कर सकते है ;-----
पहले 2 पेपर----जिनके अंक नही जुड़ते,जो सिर्फ क्वालीफाइंग एग्जाम होता है।
कोई भी भारतीय भाषा---- आईएएस की मुख्य परीक्षा के पहले पेपर में परीक्षार्थी संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भारतीय भाषाओं में से एक भाषा चुन सकता है। यह पेपर 300 अंक का होता है और इसमें 30% अंक लेने आवश्यक है यानि की 300 में से 90 अंक वाला पास माना जाता है।
नोट--यह एग्जाम निम्नलिखित राज्यो के उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य नही है----अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम
आईएएस मुख परीक्षा पेपर-1 (कोई भी भाषा) का पाठ्यक्रम---
- बोधगम्यता---इसमें एक पहराग्राफ होगा जो कॉम्प्रिहेंशन के लिए होगा।
- संक्षिप्त लेखन----इसको प्रेसिस राइटिंग भी कहते है।
- शब्द प्रयोग व शब्द भण्डार--इसमें शब्दो का अर्थ, विपरीत और समानार्थक शब्द शामिल होंगे।
- संक्षिप्त लेख---दिए गए टॉपिक पर संक्षिप्त लेख।
- अनुवाद--अंग्रेजी से भारतीय भाषा तथा भारतीय भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद।
पाठ्यक्रम---
- बोधगम्यता--इसमें एक पहराग्राफ होगा जो कॉम्प्रिहेंशन के लिए होगा।
- संक्षिप्त लेखन-- इसको प्रेसिस राइटिंग भी कहते है।
- शब्द प्रयोग व शब्द भण्डार-- इसमें शब्दो का अर्थ, विपरीत और समानार्थक शब्द शामिल होंगे।
- संक्षिप्त लेख-- दिए गए टॉपिक पर संक्षिप्त लेख।
बाकी के 7 पेपर-
पेपर विषय अंक
पेपर-1 निबंध (किसी भी भारतीय भाषा में) 250
पेपर-II सामान्य अध्ययन-I(भारतीय विरासत ,संस्कृति एवं 250
विश्व एवं समाज का इतिहास और भूगोल )
पेपर-III सामान्य अध्ययन-II (शासन,संविधान,राज्य-व्यवस्था, 250
सामाजिक न्याय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध)
पेपर -IV सामान्य अध्ययन-III (प्रौद्यौगिकी,आर्थिक विकास, 250
जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन)
पेपर -V सामान्य अध्ययन-IV (नीति,अखंडता एवं अभिक्षमता) 250
पेपर - VI वैकल्पिक विषय पेपर -1 250
पेपर -VII वैकल्पिक विषय पेपर-2 250
आईएएस मुख्य परीक्षा की लिखित परीक्षा का टोटल - 1750 अंक
वैकल्पिक विषय-----
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इतिहास, भूगोल,अर्थशास्त्र ,समाजशास्त्र,लोक प्रशासन,दर्शनशास्त्र ,मनोविज्ञान,राजनीति विज्ञान,कृषि,पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान,नृविज्ञान,वनस्पति विज्ञान,रसायन विज्ञान,सिविल इंजीनियरिंग,वाणिज्य,इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग,भूविज्ञान,कानून,गणित ,प्रबंधन ,मैकेनिकल इंजीनियरिंग ,चिकित्सा विज्ञान,भौतिकी ,सांख्यिकी,जंतु विज्ञानचरण 3 (अंतिम चरण)---साक्षात्कार या व्यक्तित्व परीक्षण (Interview): 275 मार्क्स
आयोग समिति मुख्य परीक्षा में न्यूनतम क्वालीफाइंग अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को अंतिम चरण अर्थार्त साक्षात्कार के लिए चयन करते है | इसके बाद साक्षात्कार सिविल सेवा बोर्ड UPSC मुख्य परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारो का व्यक्तित्व परिक्षण करते है। साक्षात्कार लेते समय इस बात पर अधिक जोर दिया जाता है कि उम्मीदवार अपने मानसिक गुणों को सोद्देश्य बातचीत के द्वारा प्रकट क्र सके और उम्मीदवार के मूल्यांकन गुणों में से न्याय के संतुलन, स्पष्ट,तार्किक, आत्मसात, विविधता और ब्याज की गहराई के महत्वपूर्ण शक्तियों, बौद्धिक और सामाजिक सामंजस्य और नेतृत्व के लिए नैतिक अखंडता की क्षमता आदि क्षमताओ का गहराई से परीक्षण किया जाता है |