कैसे जाने मन की बात- दूसरों के मन की बात जानना ! Dusro ki mann ki baat kaise jane
कैसे जाने दूसरे के मन की बात- मन की बात का पता जानना !
सामने वाले व्यक्ति के मन की बात जानना अपने आप में एक बहुत बड़ी कला है। सामने वाले व्यक्ति के मन में क्या चल रहा है? और आपकी बात की वो क्या प्रतिक्रिया देगा? यह सब पहले ही जान लेना हाजिरजवाबी से कम नही है। जो व्यक्ति इस कला में महारथ हासिल कर लेता है,वह जीवन के हर क्षेत्र में कामयाब हो जाता है और जीवन की हर परिस्तिथि को मोड़कर अपने अनुकूल ढाल सकता है।
सामने वाले व्यक्ति के मन की बात जानना अपने आप में एक बहुत बड़ी कला है। सामने वाले व्यक्ति के मन में क्या चल रहा है? और आपकी बात की वो क्या प्रतिक्रिया देगा? यह सब पहले ही जान लेना हाजिरजवाबी से कम नही है। जो व्यक्ति इस कला में महारथ हासिल कर लेता है,वह जीवन के हर क्षेत्र में कामयाब हो जाता है और जीवन की हर परिस्तिथि को मोड़कर अपने अनुकूल ढाल सकता है।
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हर व्यक्ति यह चाहता है कि जिससे भी हमारी कोई मीटिंग या डीलिंग होनी है ,वो क्या चाहता है या उसकी उस विषय पर क्या प्रतिक्रिया रहेगी,यह हम पहले ही अंदाजा लगा ले।आज के इस लेख में हिंदी ज्ञान वेब आपको बताएगा कि कैसे सामने वाले के मन की बात का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पहला चरण---
अपने मन को शांत और स्थिर रखे-----
यदि आप किसी से बात कर रहे है और उसके मन की बात जानना चाहते है तो इसके लिए सबसे जरुरी है कि आप अपने मन को शांत और स्थिर रखे। आपका पूरा ध्यान उसी व्यक्ति के हाव-भाव और बातो पर होना चाहिए। यदि आपका मन कही इधर-उधर भाग रहा होगा तो आप सामने वाले व्यक्ति के मन का जरा सा भी अंदाजा नही लगा पाएंगे।

दूसरा चरण---
सामने वाले व्यक्ति के हाव-भाव पर रखे पूरी नजर----
यदि आप जानना चाहते है कि सामने वाले व्यक्ति की मनोस्तिथी कैसी है,उसके अंदर क्या प्रतिक्रिया चल रही है तो उसके हाव-भाव और शारीरिक चेष्टाओं को ध्यानपूर्वक देखे। यदि उस व्यक्ति के हाव-भाव और शारीरिक चेष्टाएँ शांत और मधुर है और वह व्यक्ति आपकी बात को ध्यानपूर्वक सुन रहा है तो समझिये उसको आपकी बात पसंद आ रही है और वो सकारात्मक प्रतिक्रिया देने वाला है। किन्तु यदि उसके चेहरे पर गंभीरता के भाव है, आँखों में अस्थिरता है और शारीरिक चेष्टाएँ उग्र प्रकृति की है तो समझिये आपकी बात की नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने वाली है। वह व्यक्ति आपकी बात से सहमत नही है। इसके अलावा यदि आँखों की भोंहे चढ़ी हुई हो,चेहरे के हाव-भाव उग्र दिखाई दे रहे हो तो यह बात साफ़ है कि सामने वाले व्यक्ति को आपकी बात पर गुस्सा आ रहा है और वह गुस्से से भरी प्रतिक्रिया जाहिर करने वाला है। तो आप हाव-भाव शारीरिक चेष्टाओं को देखते हुए अपनी बात का रुख दूसरी दिशा में मोड़कर सामने वाले व्यक्ति की प्रतिक्रिया को भी अपने अनुरूप मोड़ सकते हो। अतः जरा सा ध्यान देकर हम दूसरे व्यक्ति के मन की बात को जान सकते है और उसको अपने व्यवहार में परिवर्तन लाकर सकारात्मक दिशा भी प्रदान कर सकते है। इस तरह दूसरों के मन की बात जानने वाला व्यक्ति हर क्षेत्र में सफलता हासिल करता है।

व्यवहार और बातो से पढ़े अंतर्मन ----
हाव-भाव और शारीरिक चेष्टाओं के अलावा सामने वाले व्यक्ति का व्यवहार और बात करने का तरीका भी इस बात का साफ़ संकेत देता है कि उसके मन में क्या चल रहा है। यदि आप अपने मन को शांत और एकाग्रचित करके सामने वाले व्यक्ति की बातों को ध्यान से सुनेंगे तो आप उसके मन की बात को साफ-साफ सुन सकते है। सामने वाले व्यक्ति का व्यवहार भी यह स्पष्ट कर देता है कि वो आपके प्रति क्या सोच रखता है और आपकी बातों के प्रति कैसा दृष्टिकोण रखता है। यदि सामने वाले व्यक्ति का व्यवहार आपके प्रति विनम्र और सकारात्मक है तो वह आपका और आपकी बातो को सम्मान देता है उसकी नजरो में आप विश्वसनीय और एक अच्छे व्यक्तित्व वाले इंसान है।
किन्तु यदि सामने वाला व्यक्ति आपकी हर बात को बीच में ही काट देता है और हर बात पर आपके साथ तर्क-वितर्क करता है तो समझिये कि वह व्यक्ति आप पर विश्वास नही करता और खुद को आपसे बेहतर मानता है जिससे हर बात पर आपकी उससे बहस या मतभेद हो सकता है।
इसके अलावा यदि सामने वाले व्यक्ति का व्यवहार गुस्से भरा और थोड़ा उग्र है तो समझिये कि वह आपसे जरा भी सहमत नही है और आप पर जरा सा भी विश्वास नही है। तो ऐसे व्यक्ति से कोई डीलिंग करने के लिए आपको बहुत मेहनत करनी पड़ेगी या फिर दूरी बनाने में ही भलाई है। तो इस तरह से व्यक्ति के हाव-भाव,शारीरिक चेष्टाओं,व्यवहार और बात करने के तरीके आदि से हम किसी दूसरे व्यक्ति के मन को पढ़ सकते है और उसके अंदर की बात को जान सकते है। यदि हम सामने वाले व्यक्ति के मन की बात को पहले ही जानने की कला में पारंगत हो जाते है तो जीवन के किसी भी क्षेत्र में मार नही खानी पड़ेगी और सफलता ही हासिल होगी।