योगासन के प्रकार/फायदे- योग की पूरी जानकारी!! Yoga ke Fayde in Hindi
इस लेख में हम आपको बताएँगे - योग कैसे करे,योग के लाभ और योग करने के तरीके, योगासन के नाम/ योगासन करने की विधि !
योग का इतिहास-
योग का अभ्यास प्राचीनकाल से ही होता आ रहा है। लगभग 5000 से अधिक वर्षों से योग क्रियाएं होती आ रही है। कसरत क्रियाएं बदलती रहती है किन्तु योग क्रियाएं स्थायी प्राचीनकाल से ज्यो की त्यों होती आ रही है।
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योग करने के तरीके और योगासन
योग के दौरान ध्यान देने योग्य आवश्यक जानकारी--
जब हम पहली बार योग शुरू करते है तो हमे इस बात का बिलकुल पता नही होता की किस समय सांस अंदर खींचनी है और किस समय बहार निकालनी है। और भी बहुत सी आवश्यक बातें होती है जिनका हमे पता नही होता और हम गलतिया कर बैठते है और लाभ की जगह हानि पहुंचा देते है। इसलिए इस लेख में आपको उन सब आवश्यक बातो से अवगत करवाया जायेगा ताकि आप बिना किसी परेशानी और संशय के योग का लाभ उठा सके।
योग के लिए कैसे कपडे पहने--
योग शुरू करने के लिए सही ड्रेस का चुनाव अति आवश्यक है। योग के लिए पहनी जाने वाली ड्रेस न तो बहुत अधिक टाइट होनी चाहिए और न ही बहुत अधिक ढीली होनी चाहिए । ऐसा भी न हो की टाइट होने के कारण आप को योग करने में परेशानी आये और असहज महसूस करे और ऐसा भी न हो की योग करते वक़्त आपके कपडे ढीले ढाले होने के कारण आपको बीच बीच में सम्भालने पड़े। कोशिश करे कि स्ट्रेचबल कपडे पहने जो बॉडी के अनुसार व्यवस्थित हो सके।
योग करने से पहले खाना पचना है जरुरी-
योग शुरू करने से एक घण्टा पहले खाना खा ले क्योंकि योग करते समय शरीर को मुड़ना पलटना आदि पड़ता है और अगर खाना नही पचा होगा तो योग करते समय आप असहज महसूस करने लगेंगे ।योग करने से पहले न ही कुछ खाना चाहिए और न ही कुछ पीना चाहिए ,पेट एकदम खाली होना चाहिए।
योग करते समय शुरू में जल्दबाजी न करे --
जब भी आप पहली बार योग करना शुरू करे तो कोई भी जल्दबाजी न करे। क्योंकि अभी आपने योग शुरू ही किया है तो जल्दबाजी करेंगे तो आपकी मुद्रा गलत हो सकती है। शुरुआत में शरीर भी लचीला नही होता तो आप थोड़ी कठिनाई महसूस कर सकते है किन्तु हर रोज के प्रयास से शरीर में लचीलापन आ जायेगा। शुरू में योग के बाद आप बॉडी में थोड़ा दर्द भी महसूस करेंगे किन्तु हर रोज के प्रयास से यह दर्द भी खत्म हो जायेगा और आपको योग की आदत पड़ जाएगी।
सांस कैसे ले--
सही तरीके से सांस लेना ही योग का सबसे प्रथम आधारभूत नियम है। सांस को कब रोक कर रखना है और कब छोड़ना है,अगर यह सीख लिया तो समझे आपको योग अच्छे से आ गया। पर कहना जितना आसान है करना उतना ही मुश्किल है। योग के दौरान सांस को नाक से ही लेना होता है और नाक के द्वारा ही बाहर छोड़ना होता है।
अगर आप मुंह से सांस लेते है तो आपका योग करना व्यर्थ है। इसलिए योग करते समय सांस का संतुलन बनाना अति आवश्यक है। सांस को जितना हो सके लम्बा खींचे पर इतना भी न खींचे की सांस लेने में तकलीफ होने लगे। इसलिए योग करते समय सांस का तालमेल कैसे बनाना है यह सीखना सबसे अधिक जरुरी है।
एकाग्रता और संतुलन--
योग करते समय मन का एकाग्र होना अति आवश्यक है। योग मुद्रा बनाने के बाद शरीर को कुछ देर तक उसी अवस्था रखने के लिए एकाग्रता आवश्यक है और साथ ही शरीर का संतुलन बनाये रखना भी आवश्यक है ताकि आप कुछ देर तक उसी अवस्था में रहकर योग के लाभ उठा सके।
योग क्रियाये करने के बाद शरीर में थकावट होने लगती है। उस थकावट को दूर करके शरीर को रिलैक्स करने के लिए योग क्रियायो के बाद शवासन जरूर करे इससे आपका मन स्वस्थ और तरोताज़ा महसूस करेंगे।
धीरे धीरे बढ़ाये योग की क्रियाये और समय--
योग क्रियाओं को धीरे धीरे ही बढ़ाना चाहिए। जैसे की अगर आज आप किसी योग मुद्रा को 2 मिनट तक ही कर पाए हो तो उसके बाद उसको 4 मिनट करने की कोशिश करे उससे अगले दिन 6 मिनट। इस तरह धीरे धीरे योग का समय बढ़ाना चाहिए।
खुली जगह पर स्वच्छ हवा में करे योग--
योग क्रियाये खुली जगह जैसे की पार्क या घर की छत आदि पर करे जहाँ स्वच्छ हवा का आगमन हो। क्योंकि योग क्रियाएँ करते समय हमारे शरीर को आक्सीजन की अधिक मात्रा में जरुरत होती है। और ऑक्सीजन हमे खुली जगह पर ही पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होती है।
शुरू में किसी एक्सपर्ट की मदद ले---
जब भी आप शुरुआत में योग क्रियाये आरम्भ करे किसी एक्सपर्ट की मदद जरूर ले क्योंकि गलत मुद्राये करने से लाभ की जगह हानि हो सकती है। गलत मुद्रा करने का कोई लाभ नही होगा इससे आपकी ऊर्जा और समय दोनी ही व्यर्थ हो जायेंगे।
योग के लाभ--
योग करने से अनावश्यक वजन कम होने लगता है। सूर्य नमस्कार और कपालभाति प्राणायाम स्वास्थ्य सुधार के साथ वजन कम करते हैं। इसके अलावा, योग के नियमित अभ्यास के साथ भूख भी उचित मात्रा में ही लगती है जो कि वजन पर नियंत्रण रखने में मदद करती हैं।
हर योग क्रिया का शरीर के लिए अलग अलग महत्व है। कुछ लोग हर रोज योग नही कर पाते तो इसमें निराश होने की कोई बात नही है अगर आप एक हफ्ते में 4 दिन भी योग करेंगे तो भी आपके शरीर को फायदा जरूर पहुंचेगा जिससे आप मानसिक और शारीरिक तौर पर खुद को स्वस्थ महसूस करेंगे।
शरीर के लचीलेपन में सुधार
बेहतर लचीलापन योग से प्राप्त सबसे स्पष्ट लाभ में से एक है। शुरू में जब आप अपने पैरो की उंगलियो को स्पर्श करने की कोशिश करते है तो आप खिंचाव महसूस करते है और ऐसा करने मैं खुद को असमर्थ महसूस करते है किन्तु धीरे धीरे हर रोज के अभ्यास से आप पैरो की उंगलियो को आसानी से स्पर्श कर पा रहे है और कोई खिंचाव या तनाव भी महसूस नही कर रहे। स्पष्ट है की योग क्रियाये शरीर में लचीलापन लाती है।
मांसपेशियों को मजबूत बनाता है
योग क्रियाये मासपेशियो को ताकत प्रदान करके उन्हें मजबूत बनाती है। गठिया और पीठ दर्द जैसी स्थितियों से बचने के लिए योग क्रियाये अति आवश्यक है। योग क्रियायो से बिना किसी ज्यादा मेहनत के आप अपनी मासपेशियो को सुदृढ़ और ताकतवर बना सकते है।
रीढ़ की रक्षा
बढ़ती उम्र में रीढ़ की हड्डी में डिस्क-कशेरुकाओं और सेक तंत्रिकाओं से समस्या पैदा हो सकती है । तंत्रिकाओ को पोषण देने का एक ही तरीका ही वो है योगक्रियाये। योग क्रियायो से आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है जो कि शरीर की रीढ़ है और उसी पर हमारा पूरा शरीर खड़ा है।
रक्त प्रवाह बढ़ता है
योग से हमारे रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है।
विशेष रूप से योग हाथों
और पैरों में रक्त परिसंचरण में मदद करता है। योग से कोशिकाओं को बेहतर कार्य करने के लिए अधिक ऑक्सीजन मिलती है।
शीर्षासन, आदि ऐसे आसान है जो दिल,फेफड़े , पैर और कमर रक्त शिराओं को प्रोत्साहित करते
हैं। अगर आप के दिल या गुर्दे की समस्याओं से पैरों में सूजन है तो यह आसन कर सकते हैं। योग हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं के स्तर को बढ़ा देता है, जो ऊतकों को ऑक्सीजन ले जाने के कार्य को बढ़ा देता है।
तनाव से राहत
योग के दौरान हमारा मन और शरीर दोनों एकाग्रता को प्राप्त करके मानसिक शांति प्राप्त करता है। कुछ समय के लिए तो आप दैनिक तनाव से मुक्त हो जाते है। योग आसन, प्राणायाम और ध्यान तनाव दूर करने के लिए प्रभावी तकनीक है।
योग से आप तन और मन दोनों रूप से स्वस्थ हो जाओगे तो आप अपने सामाजिक जीवन को भी बखूबी मन से जीने में मजेदार महसूस करोगे। इस तरह से योग भी अपने पति या पत्नी, माता-पिता, दोस्तों या प्रियजनों के साथ अपने रिश्ते को बेहतर बनाने में मदद कर सकता हैं। मन को खुश और शांतिपूर्ण रखने योग और ध्यान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।आश्रर्यजनक ऊर्जा वृद्धि से लेकर शाम तक काम करते करते आपका शरीर और दिमाग थकने लगता है और आप अपने अंदर ऊर्जा की कमी महसूस करने लगते है। लेकिन अगर आप नियमित रूप से योग करे तो आप पूरा दिन ऊर्जावान और तरोताज़ा महसूस क्र सकते है। हर रोज योग को दिए गए कुछ पल आपमें आश्रर्यजनक ऊर्जा में वृद्धि कर देगा जिससे आप दिन भर के काम के बाद भी खुद को तरोताज़ा ही महसूस करेंगे।
रक्त चाप
एक सुसंगत योग अभ्यास और बेहतर परिसंचरण और शरीर की ऑक्सीजन के माध्यम से रक्तचाप कम हो जाती है। और जिंदगी में कभी बी पी की समस्या का सामना नही करना पड़ता।
एक धीमी नाड़ी दर मजबूत दिल और अधिक रक्त पंप करने की क्षमता को दर्शाता है। नियमित रूप से योग अभ्यास नाड़ी दर कम करने की शक्ति प्रदान करता है।
संचार प्रणाली की तरह, योग श्वसन दर को इंगित करता है जिससे कि फेफड़े और अधिक कुशलता से काम करने लगते हैं। योग नियंत्रित श्वास व्यायाम और बेहतर फिटनेस संयोजन के माध्यम से सांस की दर कम हो जाती है।
योग से शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होती है। ऑक्सीजन की अधिकता से हृदय अपना काम आसानी से कर सकता है जिससे हृदय मजबूत बनता है।
योगाभ्यास से शरीर के हर अंग को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की पूर्ति होती है और शरीर के हर अंग का विकास होता है और फालतू की बीमारिया नही घेरती।
योग अभ्यास से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनती है। योग करने से रोगों से लड़ने की प्रतिरक्षा प्रणाली सशक्त बनती है और बीमारिया जल्दी से नही घेरती।
जिन लोगो के शरीर के अंगो में दर्द रहता है या कोई शारीरिक पीड़ा रहती है तो उनके लिए तो योग चमत्कारिक उपाय है। योगाभ्यास करने से शरीर के सभी अंगो में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है और शरीर के सभी अंगो में फुर्ती आ जाती है जिससे दर्द और पीड़ा अपने आप खत्म हो जाती है।
योग करने से चयापचय प्रणाली मजबूत बनती है जिससे स्वस्थ वजन को बनाए रखने और भूख को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। चयापचय प्रणाली अगर स्वस्थ रहती है तो शरीर भी स्वस्थ और तंदुरुस्त बनता है।
योग शरीर के भीतर डिटॉक्सिफिकैशन प्रक्रिया को उत्तेजित करता है जिससे उम्र बढ़ने का प्रभाव कम होने लगता आपका शरीर ज्यादा उम्र में भी जवान महसूस करेगा।
योगाभ्यास करने से शरीर में एक नई शक्ति का संचार होता है। शरीर फुर्तीला और स्वस्थ बनता है।
नियमित रूप से योग का अभ्यास लगातार ऊर्जा प्रदान करता है।
नियमित रूप से योग का अभ्यास लगातार ऊर्जा प्रदान करता है।
योग शरीर और मन दोनों को एकाग्रता और शक्ति प्रदान करता है। जो लोग नियमित रूप से योग करते है उनको अच्छी और समय पर पर्याप्त नींद आती है।
योगाभ्यास करने से तन और मन स्वस्थ बनता है और शरीर में एक नई ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है जिससे आप पाएंगे कि आपका शरीर किसी भी कार्य को करने के लिए हमेशा फुर्ती में रहने लगता है और आलस्य की समाप्ति हो जाती है।